कभी तो नज़र मिलाओ
दिखावट
कभी तो नज़र मिलाओ | |
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निर्माणकर्ता | अनुराधा गक्खड़ |
लेखक |
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निर्देशक | गिरीश वसईकर |
थीम संगीत रचैयता | ललित सेन |
प्रारंभ विषय | "कभी तो नज़र मिलाओ" अलका याग्निक द्वारा |
मूल देश | भारत |
मूल भाषा(एँ) | हिंदी |
एपिसोड की सं. | 100 |
उत्पादन | |
कार्यकारी निर्माता | सईद अख्तर |
निर्माता |
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संपादक | मोहम्मद नज़ीर |
प्रसारण अवधि | प्रति एपिसोड 23 मिनट |
मूल प्रसारण | |
नेटवर्क | सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन |
प्रसारण | 15 मई 2006 |
कभी तो नज़र मिलाओ एक भारतीय टेलीविजन नाटक श्रृंखला है जिसका प्रीमियर 15 मई 2006 को सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर हुआ था[1] श्रृंखला का निर्माण सोनी पिक्चर्स के इन-हाउस प्रोडक्शन के सहयोग से यूटीवी सॉफ्टवेयर कम्युनिकेशंस द्वारा किया गया था।
कथानक
[संपादित करें]करुण को इस बात का एहसास नहीं है कि जिस लड़की की आंखों की वजह से उसे प्यार हो जाता है वह देख नहीं पाती है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, करुण को पता चलता है कि सुनैना देख नहीं सकती; इसलिए, उसने निर्णय लिया कि वह उसकी दृष्टि बनेगा। अब सुनैना करुण की मदद से जीवन की सभी प्रतिकूलताओं का सामना करती है, लेकिन उसे इस बात का एहसास नहीं है कि किसी पर बहुत अधिक निर्भर रहना दुखद हो सकता है।
कलाकार
[संपादित करें]- सुनैना के रूप में सुदीपा सिंह
- करुण के रूप में गगन आर्य
- निशिगंधा वाड
- महरू शेख
- शरद मल्होत्रा
- किशोरी शहाणे
- ललित परिमू
संदर्भ
[संपादित करें]- ↑ Adesara, Hetal (3 May 2006). "Sony lines up afternoon fare". Indiantelevision.com.